के. वि. सं. परिकल्पना एवं उद्देश्य
के. वि. सं. उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अपने छात्रों को ज्ञान/मूल्य प्रदान करने और उनकी प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता का पोषण करने में विश्वास रखता है।
के. वि. सं. क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल
केन्द्रीय विद्यालय संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल दिनांक 16 नवंबर 1977 को श्री मदन गोपाल जी, प्रथम सहायक आयुक्त की कार्यालय प्रमुखता में प्रारम्भ किया। उस समय क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल एक अस्थायी भवन में संचालित हो रहा था।
सन्देश

आयुक्त, सुश्री प्राची पाण्डेय, आईए & एएस
प्रिय शिक्षकवृंद, शिक्षक दिवस 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ। शिक्षक केवल शैक्षणिक मार्गदर्शक ही नहीं, बल्कि बच्चे के भविष्य के निर्माता होते हैं। प्रथम अक्षर लिखने से लेकर जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों तक वे धैर्य,सहानुभूति और सहयोग के साथ प्रत्येक कदम पर साथ चलते हैं। वे केवल मस्तिष्क ही नहीं,बल्कि मूल्य,सपने और आकांक्षाएँ भी गढ़ते हैं,जो हमारे राष्ट्र का भविष्य निर्धारित करती हैं।
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श्रीमती शाहिदा परवीन ,उपायुक्त
प्रिय विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों एवं समस्त केंद्रीय विद्यालय परिवार, सप्रेम नमस्कार।
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श्रेष्ठ आचरण

03/09/2023
केन्द्रीय विद्यालय के दो शिक्षकों को "राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2023" के लिए चुना गया
और पढ़ेंसमाचारों में केविसं

31/08/2023
पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय-एक भोपाल में प्रतियोगिता आयोजित:छात्रों ने कैनवास पर उकेरे 'मोदी के मंत्र', प्राचार्य ने कहा-इन रंगों को भरने से परीक्षा का डर दूर होगा
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02/09/2023
भोपाल (रानी कमलापति ) वन्दे-भारत एक्सप्रेस के शुभारंभ अवसर पर भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के आगमन पर मुलाकात करने का मौका मिला, इस दौरान भोपाल (रानी कमलापति) से इंदौर वन्दे -भारत एक्सप्रेस के कोच मे स्कूल के छात्र-छात्रा के साथ माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा कुछ समय बिताया गया । इस दौरान मेरे द्वारा बनाए गए चित्र को दिखाने का मुझे मौका मिला । मेरे द्वारा उन्हें बताया गया कि इस पेटिंग मे मैंने आजादी का अमृत-महोत्सव, वन्दे-भारत एक्सप्रेस, डीजिटल इंडिया, खेलो इंडिया, विकसित भारत एवं उनके स्वयं के चित्र को दर्शाते हुए पेंटिंग बनाई हैं। यह सुनकर उनके द्वारा कहाँ गया- कि तुमने तो "गागर मे सागर" भर दिया । उन्होंने मेरी पेंटिंग की तारीफ करते हुए मुझे आशीर्वाद दिया । उनकी यह बात मन को छू गई और कुछ अलग करने की प्रेरणा बन गई। इसी प्रकार उनके साथ बातचीत के दौरान, मुझे उनके व्यक्तित्व के बारे मे जानने का अवसर मिला। वे अत्यंत शांतचित्त होकर दूसरो की कही जा रही बातों को सुनते हैं। फिर उस पर अपनी राय रखते हैं। बच्चों के साथ बच्चे सा बन कर उनके बीच शामिल हो जाना एवं स्वयं को विशिष्ट न जताकर सामने खड़े व्यक्ति को विशिष्ट मानकर अपना व्यवहार करना, यह उनके व्यवहार की विशेष खूबिया है । मैंने यह महसूस किया कि मेरे लिए यह अनुभव जीवन का यादगार अनुभव हैं।
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सीबीएसई बोर्ड परीक्षा कक्षा दसवीं और बारहवीं