के. वि. सं. परिकल्पना एवं उद्देश्य
के. वि. सं. उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अपने छात्रों को ज्ञान/मूल्य प्रदान करने और उनकी प्रतिभा, उत्साह और रचनात्मकता का पोषण करने में विश्वास रखता है।
के. वि. सं. क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल
केन्द्रीय विद्यालय संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल दिनांक 16 नवंबर 1977 को श्री मदन गोपाल जी, प्रथम सहायक आयुक्त की कार्यालय प्रमुखता में प्रारम्भ किया। उस समय क्षेत्रीय कार्यालय, भोपाल एक अस्थायी भवन में संचालित हो रहा था।
सन्देश
सुश्री निधि पांडेय,आई.आई.एस.आयुक्त
शिक्षक दिवस-2024 के अवसर पर समस्त शिक्षक समुदाय को हार्दिकबधाई और शुभकामनाएं! आज, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती के अवसर पर केंद्रीय विद्यालय संगठन देश के सभी शिक्षकों के प्रति अपनी कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करता है। यह आपका अथक समर्पण और अटूट प्रतिबद्धता है, जो देश की भावी पीढ़ी को आकार दे रही है, उनमें ज्ञान, चरित्र और जीवन मूल्यों का संवर्धन कर रही है।
और पढ़ेंडॉ .आर .सेंदिल कुमार कुमार,उपायुक्त
केन्द्रीय विद्यालय संगठन की हीरक जयंती के अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
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क्षितिज
गौरवशाली क्षण
गतिविधियां
श्रेष्ठ आचरण
03/09/2023
केन्द्रीय विद्यालय के दो शिक्षकों को "राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2023" के लिए चुना गया
और पढ़ेंसमाचारों में केविसं
31/08/2023
पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय-एक भोपाल में प्रतियोगिता आयोजित:छात्रों ने कैनवास पर उकेरे 'मोदी के मंत्र', प्राचार्य ने कहा-इन रंगों को भरने से परीक्षा का डर दूर होगा
और पढ़ें02/09/2023
भोपाल (रानी कमलापति ) वन्दे-भारत एक्सप्रेस के शुभारंभ अवसर पर भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के आगमन पर मुलाकात करने का मौका मिला, इस दौरान भोपाल (रानी कमलापति) से इंदौर वन्दे -भारत एक्सप्रेस के कोच मे स्कूल के छात्र-छात्रा के साथ माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा कुछ समय बिताया गया । इस दौरान मेरे द्वारा बनाए गए चित्र को दिखाने का मुझे मौका मिला । मेरे द्वारा उन्हें बताया गया कि इस पेटिंग मे मैंने आजादी का अमृत-महोत्सव, वन्दे-भारत एक्सप्रेस, डीजिटल इंडिया, खेलो इंडिया, विकसित भारत एवं उनके स्वयं के चित्र को दर्शाते हुए पेंटिंग बनाई हैं। यह सुनकर उनके द्वारा कहाँ गया- कि तुमने तो "गागर मे सागर" भर दिया । उन्होंने मेरी पेंटिंग की तारीफ करते हुए मुझे आशीर्वाद दिया । उनकी यह बात मन को छू गई और कुछ अलग करने की प्रेरणा बन गई। इसी प्रकार उनके साथ बातचीत के दौरान, मुझे उनके व्यक्तित्व के बारे मे जानने का अवसर मिला। वे अत्यंत शांतचित्त होकर दूसरो की कही जा रही बातों को सुनते हैं। फिर उस पर अपनी राय रखते हैं। बच्चों के साथ बच्चे सा बन कर उनके बीच शामिल हो जाना एवं स्वयं को विशिष्ट न जताकर सामने खड़े व्यक्ति को विशिष्ट मानकर अपना व्यवहार करना, यह उनके व्यवहार की विशेष खूबिया है । मैंने यह महसूस किया कि मेरे लिए यह अनुभव जीवन का यादगार अनुभव हैं।
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शिक्षक
विद्यार्थियों
श्रेष्ठ विद्यार्थी
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा कक्षा दसवीं और बारहवीं